नमस्कार दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में आप जानने वाले हो Best Gulzar Shayari In Hindi. जो आपको कही और नहीं मिलेगी।
जैसा की आप जानते हो की Gulzar Ki Shayari दिल छू लेने वाली होती है। इसलिए हमने आज आपके लिए बहुत ही शानदार Gulzar Ki Shayari लेके आये है।
तो चलिए शुरू करते है Gulzar Ki Shayari.

Gulzar Shayari In Hindi

शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आप की कमी सी है.
दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले,
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में,
बस हम गिनती उसी की करते है
जो हासिल ना हो सका।
Gulzar Shayari In Hindi

Gulzar Shayari In Hindi

Gulzar Ki Shayari

तुरंत समझ में नहीं आते,
उन्हें पढना पड़ता हैं।
Gulzar Shayari In Hindi

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Gulzar Ki Shayari

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Gulzar Shayari In Hindi 2 Lines
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Gulzar Ki Shayari
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Gulzar Shayari In Hindi
Jyaada Kuchh nahi Badalata Umr Ke Sath,
Bas Bachapan Ki Zidd Samjhauto
Me Badal Jati Hain..
छोटा सा साया था, आँखों में आया था,
हमने दो बूंदों से मन भर लिया।
Chhota Sa Saya Tha,
Ankhon Me Aaya Tha.
Hamane Do Bundo
Se man Bhar Liya..
Gulzar Shayari In Hindi
Gulzar Ki Shayari
Gulzar Shayari In Hindi 2 Lines
Gulzar Shayari In Hindi
Gulzar Shayari In Hindi
Gulzar Ki Shayari
Gulzar Shayari In Hindi
Gulzar Shayari In Hindi 2 Lines
Gulzar Ki Shayari
वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते..
वो शहर भी तुम्हारा था वो अदालत भी तुम्हारी थी..
यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता
बेशूमार मोहब्बत होगी उस बारिश की बूँद को इस ज़मीन से,
यूँ ही नहीं कोई मोहब्बत मे इतना गिर जाता है!
Gulzar Shayari In Hindi
आप के बाद हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है
तुमको ग़म के ज़ज़्बातों से उभरेगा कौन,
ग़र हम भी मुक़र गए तो तुम्हें संभालेगा कौन!
तुम्हे जो याद करता हुँ, मै दुनिया भूल जाता हूँ ।
तेरी चाहत में अक्सर, सभँलना भूल जाता हूँ ।
Gulzar Shayari In Hindi
तन्हाई अच्छी लगती है
सवाल तो बहुत करती पर,.
जवाब के लिए
ज़िद नहीं करती..
तुम्हारी ख़ुश्क सी आँखें भली नहीं लगतीं
वो सारी चीज़ें जो तुम को रुलाएँ, भेजी हैं
खता उनकी भी नहीं यारो वो भी क्या करते,
बहुत चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते !
Gulzar Ki Shayari
मैं हर रात सारी ख्वाहिशों
को खुद से पहले सुला देता,
हूँ मगर रोज़ सुबह ये
मुझसे पहले जाग जाती है।
मोहब्बत आपनी जगह,
नफरत अपनी जगह
मुझे दोनो है तुमसे ..
काँच के पीछे चाँद भी था
और काँच के ऊपर काई भी
तीनों थे हम वो भी थे
और मैं भी था तन्हाई भी
Gulzar Shayari In Hindi
हम अपनों से परखे गए हैं कुछ गैरों की तरह,
हर कोई बदलता ही गया हमें शहरों की तरह….!
वो उम्र कम कर रहा था मेरी
मैं साल अपने बढ़ा रहा था
मुद्दतें लगी बुनने में ख्वाब का स्वेटर,
तैयार हुआ तो मौसम बदल चूका था!
Gulzar Shayari In Hindi
तुम लौट कर आने की तकलीफ़ मत करना,
हम एक ही मोहब्बत दो बार नहीं किया करते!
कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था
आज की दास्ताँ हमारी है
तमाशा करती है मेरी जिंदगी,
गजब ये है कि तालियां अपने बजाते हैं!
Gulzar Shayari In Hindi 2 Lines
सारा मंज़र हरा सा रहता है
वक़्त की शाख से रिश्ते नहीं तोड़ा करते!
जो मिलते हैं किसी और से होते है किसी और के…!
Gulzar Ki Shayari
चले जहाँ से तो ये पैरहन उतार चले
क़िरदार पर उंगलियां,
तोहफे में उनको
आप आईने दीजिए।
थी रात रात की ये ज़िंदगी गुज़ार चले
Gulzar Shayari In Hindi
माफ़ी मांगूंगा तुझसे तुझे रुसवा किया है,
हर मोड़ पर रहूँगा मैं तेरे साथ साथ,
अनजाने में मैंने तुझको बहुत दर्द दिया है।
Gulzar Shayari In Hindi
जब भी अपनी रह चलने की कोशिश की
Gulzar Ki Shayari
किरदार गर काबिल हुए तो याद रखे जाएंगे..
तैयार हुआ तो मौसम बदल चूका था!
taiyaar hua to mausam badal chooka tha..!!
Gulzar Shayari In Hindi
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Gulzar Shayari In Hindi
Gulzar Ki Shayari
Gulzar Shayari In Hindi
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको,
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया?
इतना क्यों सिखाये
जा रही है ज़िन्दगी
हमें कौन सी सदियाँ
गुज़ारनी है यहाँ
लोग कहते है की
खुश रहो
मगर मजाल है
की रहने दे
Gulzar Shayari In Hindi
अफ़सोस बाक़ी ना रहे…
गुलजार की शायरी
याद आएगी हर रोज़ मगर
तुझे आवाज़ ना दूँगा,
लिखूँगा तेरे ही लिए हर ग़ज़ल
मगर तेरा नाम ना लूँगा।
किसने रास्ते मे चांद रखा था,
मुझको ठोकर लगी कैसे।
वक़्त पे पांव कब रखा हमने,
ज़िंदगी मुंह के बल गिरी कैसे।
आंख तो भर आयी थी पानी से,
तेरी तस्वीर जल गयी कैसे।
गुलजार की शायरी
शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आप की कमी सी है,
दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले,
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है।
मोहल्ले की मोहब्बत का भी
अजीब फसाना है,
चार घर की दुरी है
और बिच में सारा जमाना है।
तजुर्बा बता रहा हूँ ऐ दोस्त दर्द, गम, डर जो भी है
बस तेरे अन्दर है,
खुद के बनाए पिंजरे से निकल कर तो देख,
तू भी एक सिकंदर है।
गुलजार की शायरी
मुझे छोड़ कर वो खुश है तो सिकायत केसी,
अब्ब मैं उससे खुश ना देखु तो मोहबात केसी।
शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आप की कमी सी है,
दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले,
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है।
मेरे दिल में एक धड़कन तेरी है,
उस धड़कन की कसम तू ज़िन्दगी मेरी है,
मेरी तो हर सांस में एक सांस तेरी है,
जो कभी सांस रुक जाये तो मौत मेरी है।
गुलजार की शायरी
सोचा नहीं था जिंदगी में ऐसे भी फसाने होगे,
रोना भी जरुरी होगा और आसू भी छुपाने होगे।
न हक़ दो इतना की तकलीफ हो तुम्हे,
न वक्त दो इतना की गुरुर हो हमें।
सिर्फ शब्दों से न करना
किसी के वजूद की पहचान,
हर कोई उतना कह नहीं पाता
जितना समझता और महसूस करता है।
गुलजार की शायरी
मेरे दर्द को भी आह का हक़ हैं,
जैसे तेरे हुस्न को निगाह का हक़ है।
मुझे भी एक दिल दिया है भगवान ने,
मुझ नादान को भी एक गुनाह का हक़ हैं।
तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं,
रात भी आयी और चाँद भी था, मगर नींद नहीं।
यूँ उम्र कटी दो अंदाज में
एक आस में, एक कास में।
गुलजार की शायरी
घर गुलजार सुने शहर,
बस्ती-बस्ती में कैद हर हस्ती हो गई,
आज फिर जिंदगी महंगी और
दौलत सस्ती हो गई।
तुमसे मिली जो ज़िन्दगी हमने कभी बोइ नहीं,
तेरे सिवा कोई ना था, तेरे सिवा कोई नहीं।
इतने बुरे नहीं थे हम
जितने इलज़ाम लगाये लोगो ने,
कुछ किस्मत ख़राब थी
कुछ आग लगाई लोगो ने।
गुलजार की शायरी
ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ,
बस बचपन की जिद्द समझौतों में बदल जाती हैं।
बेहिसाब हसरते ना पालिए,
जो मिला हैं उसे सम्भालिए।
गुस्सा होकर भी फ़िक्र कराती है,
माँ मुझे मोहब्बत इस कदर करती है।
गुलजार की शायरी
एक पुराना ख़त खोला जब अनजाने में,
खुशबू जैसे लोग मिले अफसाने में।
बदल जाओ वक़्त के साथ या वक़्त बदलना सीखो,
मजबूरियों को मत कोसो, हर हाल में चलना सीखो।
तन्हाई की दीवारों पर घुटन का पर्दा झूल रहा हैं,
बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं।
गुलजार की शायरी
एक बार तो यूँ होगा, थोड़ा सा सुकून होगा,
ना दिल में कसक होगी, ना सर में जूनून होगा।
आदतन तुम ने कर दिए वादे,
आदतन हम ने ऐतबार किया।
तेरी राहो में बारहा रुक कर,
हम ने अपना ही इंतज़ार किया।
अब ना मांगेंगे जिंदगी या रब,
ये गुनाह हम ने एक बार किया।
ग़म मौत का नहीं है,
ग़म ये के आखिरी वक़्त भी,
तू मेरे घर नहीं है।
गुलजार की शायरी
तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,
जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।
दर्द की भी अपनी एक अदा है,
वो भी सहने वालों पर फ़िदा है।
तुझे बेहतर बनाने की कोशिश में
तुझे ही वक़्त नहीं दे पा रहे हम,
माफ़ करना ऐ ज़िन्दगी
तुझे ही जी नहीं पा रहे हम।
गुलजार की शायरी
जब मिला शिकवा अपनों से तो ख़ामोशी ही भलीं,
अब हर बात पर जंग हो यह जरुरी तो नहीं।
हँसना हँसाना आता हैं मुझे,
मुझसे गम की बात नहीं होती,
मेरी बातो में मज़ाक होता हैं ,
मेरी हर बात मज़ाक नहीं होती।
तन्हाई की दीवारों पर
घुटन का पर्दा झूल रहा हैं,
बेबसी की छत के नीचे,
कोई किसी को भूल रहा हैं।
गुलजार शायरी
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते।
थोडा है थोड़े की ज़रूरत है,
ज़िन्दगी फिर भी यहाँ की खुबसूरत है।
लगे न नज़र इस रिश्ते को जमाने की,
हमारी भी तमन्ना है.
मरते दम तक आपसे दोस्ती निभाने की।
गुलजार शायरी
दुपट्टा क्या रख लिया सर पे,
वो दुल्हन नजर आने लगी,
उसकी तो अदा हो गयी,
जान हमारी जाने लगी।
कुछ सुनसान पड़ी है ज़िंदगी,
कुछ वीरान हो गए है हम,
जो हमें ठीक से जान भी नहीं पाया,
खामखां उसके लिए परेशान हो गए है हम।
जो जाहिर करना पड़े,
वो दर्द कैसा,
और जो दर्द न समझ सके,
वो हमदर्द कैसा।
गुलजार शायरी
नजर भी ना आऊं
इतना भी दूर ना करो मुझे,
पूरी तरह बदल जाऊं
इतना भी मजबूर मत करो मुझे..
आइने के सामने खड़े होकर
खुद से ही माफी मांग ली मैंने,
सबसे ज्यादा अपना ही दिल दुखाया है
औरों को खुश करते करते..
दिल तो रोज़ कहता है
कि तुम्हे कोई सहारा चाहिए,
फिर दिमाग कहता है
क्यों तुम्हे धोखा दुबारा चाहिए..
गुलजार शायरी
हंसना मुझे भी आता था
पर किसी ने रोना सिखा दिया,
बोलने में माहिर हम भी थे
किसी ने चुप रहना सिखा दिया..
कोई रंग नही होता
बारिश के पानी में,
फिर भी फिजा को रंगीन
बना देती है..
इतने बुरे नही थे
जितने इल्ज़ाम लगाए लोगों ने,
कुछ किस्मत खराब थी
कुछ आग लगाई लोगों ने..
गुलजार शायरी
बहुत कम लोग हैं
जो मेरे दिल को भाते हैं,
और उससे भी बहुत कम हैं
जो मुझे समझ पाते हैं..
गुस्सा भी क्या करूं तुम पर
तुम हंसते हुए बेहद अच्छे लगते हो !
दोस्ती रूह में उतरा हुआ
रिश्ता है साहब,
मुलाकातें कम होने से
दोस्ती कम नही होती..
गुलजार शायरी
मुकम्मल इश्क से ज्यादा तो चर्चे
अधूरी मोहब्बत के होते हैं !
तमाशा जिंदगी का हुआ,
कलाकार सब अपने निकले !
किसी ने मुझसे पूछा की
दर्द की कीमत क्या है.?
मैंने कहा, मुझे नही पता
मुझे लोग फ्री में दे जाते हैं !
गुलजार शायरी
उनकी ना थी कोई खता
हम ही गलत समझ बैठे
वो मोहब्बत से बात करते थे
हम मोहब्बत समझ बैठे !
लौटने का ख्याल भी आए
तो बस चले आना,
इंतजार आज भी बड़ी
बेसब्री से है तुम्हारा..
कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत,
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना।
गुलजार शायरी
मैं दिया हूँ! मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं,
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं।
बिगड़ैल हैं ये यादे,
देर रात को टहलने निकलती हैं।
सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम,
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं।
गुलज़ार एक अहसास
उसने कागज की कई कश्तिया पानी उतारी और,
ये कह के बहा दी कि समन्दर में मिलेंगे।
कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं,
और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता।
हम तो अब याद भी नहीं करते,
आप को हिचकी लग गई कैसे?
गुलज़ार एक अहसास
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई,
जैसे एहसान उतारता है कोई।
रोई है किसी छत पे, अकेले ही में घुटकर,
उतरी जो लबों पर तो वो नमकीन थी बारिश।
दिल अगर हैं तो दर्द भी होंगा,
इसका शायद कोई हल नहीं हैं।
गुलज़ार एक अहसास
कभी तो चौक के देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आँखों में हमको भी को इंतजार दिखे।
तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं,
रात भी आयी और चाँद भी था, मगर नींद नहीं।
वो चीज़ जिसे दिल कहते हैं,
हम भूल गए हैं रख के कहीं।
गुलज़ार एक अहसास
शायर बनना बहुत आसान हैं,
बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए।
कुछ बातें तब तक समझ में नहीं आती,
जब तक ख़ुद पर ना गुजरे।
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको,
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया?
गुलज़ार एक अहसास
कुछ जख्मो की उम्र नहीं होती हैं,
ताउम्र साथ चलते हैं, जिस्मो के ख़ाक होने तक।
बेहिसाब हसरते ना पालिये,
जो मिला हैं उसे सम्भालिये।
शोर की तो उम्र होती हैं,
ख़ामोशी तो सदाबहार होती हैं।
गुलज़ार एक अहसास
किसी पर मर जाने से होती हैं मोहब्बत,
इश्क जिंदा लोगों के बस का नहीं।
कौन कहता हैं कि हम झूठ नहीं बोलते,
एक बार खैरियत तो पूछ के देखियें।
तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,
जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।
गुलज़ार एक अहसास
कैसे करें हम ख़ुद को तेरे प्यार के काबिल,
जब हम बदलते हैं, तुम शर्ते बदल देते हो।
सीने में धड़कता जो हिस्सा हैं,
उसी का तो ये सारा किस्सा हैं।
मैं चुप कराता हूं हर शब उमड़ती बारिश को,
मगर ये रोज़ गई बात छेड़ देती है।
गुलज़ार एक अहसास
सहमा सहमा डरा सा रहता है,
जाने क्यूं जी भरा सा रहता है।
एक ही ख़्वाब ने सारी रात जगाया है,
मैं ने हर करवट सोने की कोशिश की।
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में,
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में।
गुलज़ार एक अहसास
जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ,
उस ने सदियों की जुदाई दी है।
कोई ख़ामोश ज़ख़्म लगती है,
ज़िंदगी एक नज़्म लगती है।
आदतन तुम ने कर दिए वादे,
आदतन हम ने ए’तिबार किया।
गुलज़ार शायरी रेख़्ता
रात को चाँदनी तो ओढ़ा दो,
दिन की चादर अभी उतारी है।
ये कैसा रिश्ता हुआ इश्क में वफ़ा का भला,
तमाम उम्र में दो चार छ: गिले भी नहीं।
हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं नहीं छोड़ा करते,
वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोडा करते।
गुलज़ार शायरी रेख़्ता
थोडा सा हस के थोडा सा रुला के,
पल यही जानेवाले हैं।
तन्हाई की दीवारों पर घुटन का पर्दा झूल रहा हैं,
बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं।
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला,
जब से डिग्रियां समझ में आयी पांव जलने लगे हैं।
गुलज़ार शायरी रेख़्ता
ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ,
बस बचपन की जिद्द समझौतों में बदल जाती हैं।
छोटा सा साया था, आँखों में आया था,
हमने दो बूंदों से मन भर लिया।
एक बार तो यूँ होगा, थोड़ा सा सुकून होगा,
ना दिल में कसक होगी, ना सर में जूनून होगा।
गुलज़ार शायरी रेख़्ता
घर में अपनों से उतना ही रूठो,
कि आपकी बात और दूसरों की इज्जत,
दोनों बरक़रार रह सके।
एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद,
दूसरा सपना देखने के हौसले का नाम जिंदगी हैं।
सुनो!
जब कभी देख लुं तुमको।
तो मुझे महसूस होता है कि.
दुनिया खूबसूरत है।
कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था,
आज की दास्ताँ हमारी है।
अपने साए से चौंक जाते हैं,
उम्र गुज़री है इस क़दर तन्हा।
हम आशा करते है की आपको हमारे द्वारा बताए गयी Gulzar Shayari in Hindi बहुत पसंद आयी होंगी। दोस्तों आपको इन शायरिओ में सबसे ज्यादा अच्छी कोनसी Shayari लगी हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताये। और पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगो तक शेयर करे।