नमस्कार दोस्तों, आज के इस जबरदस्त आर्टिकल में आप जानने वाले हो Chandrashekhar Azad Slogan In Hindi जो आपको बहुत पसंद आएंगे। और आप इन सभी स्लोगन को अपने स्टेटस, स्टोरी पे लगा सकते है। ताकि बाकि लोग भी इन स्लोगन को पढ़ कर प्रभावित हो।
तो चलिए शुरू करते है Chandrashekhar Azad Slogan In Hindi.
Chandrashekhar Azad Slogan In Hindi

दुश्मन की गोलियों का,
हम सामना करेंगे,
आजाद ही रहे हैं,
आजाद ही रहेंगे.
मेरा नाम आजाद है,
मेरे पिता का नाम स्वतंत्रता
और मेरा घर जेल है.
यदि कोई युवा मातृभूमि
की सेवा नहीं करता है,
तो उसका जीवन व्यर्थ है.
Chandrashekhar Azad Slogan In Hindi

अगर आपके लहू में रोष नहीं है,
तो ये पानी है जो आपकी रगों में बह रहा है.
ऐसी जवानी का क्या मतलब अगर
वो मातृभूमि के काम ना आए.
दूसरों को खुद से आगे बढ़ते हुए मत देखो.
प्रतिदिन अपने खुद के कीर्तिमान तोड़ो,
क्योंकि सफलता आपकी अपने आप से एक लड़ाई है.
मेरा नाम आजाद है,
पिता का नाम स्वतंत्रता और
पता जेल है : चंद्रशेखर आजाद
Chandrashekhar Azad Slogan In Hindi

मैं ऐसे धर्म को मानता हूं,
जो स्वतंत्रता समानता और
भाईचारा सिखाता है.
चिंगारी आजादी की सुलगती मेरे जिस्म में हैं.
इंकलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में हैं.
मौत जहां जन्नत हो यह बात मेरे वतन में है.
कुर्बानी का जज्बा जिंदा मेरे कफन में है.
मेरा नाम आजाद है,
मेरे पिता का नाम स्वतंत्रता
और मेरा घर जेल है।
Chandrashekhar Azad Slogan In Hindi

यदि कोई युवा मातृभूमि की
सेवा नहीं करता है,
तो उसका जीवन व्यर्थ है।
मैं एक ऐसे धर्म को मानता हूं,
जो स्वतंत्रता, समानता और
भाईचारा सिखाता है।
शत्रु के साथ कैसी नम्रता ?
हमारी नम्रता का ही फल है
कि आज हमारी मातृभूमि संकट में है।
Chandrashekhar Azad Slogan In Hindi

मातृभूमि की इस दुर्दशा को देखकर
अगर आपके लहू में क्रोध नहीं है,
तो ये पानी है जो आपकी रगों में बह रहा है।
ऐसी जवानी का क्या मतलब अगर वो
मातृभूमि के काम ना आए।
दूसरों को खुद से आगे बढ़ते हुए मत देखो।
प्रतिदिन अपने खुद के कीर्तिमान तोड़ो,
क्योंकि सफलता आपकी अपने आप से एक लड़ाई है।
मैं जीवन की अंतिम सांस तक
देश के लिए शत्रु से लड़ता रहूंगा।
Chandrashekhar Azad Slogan In Hindi

चिंगारी आज़ादी की सुलगती मेरे जिस्म में हैं।
इंकलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में हैं।।
मौत जहां जन्नत हो यह बात मेरे वतन में है।
कुर्बानी का जज्बा जिंदा मेरे कफन में है।।
आज़ाद की कलाई में हथकड़ी लगाना
बिलकुल असंभव है।
एक बार सरकार लगा चुकी,
अब तो शरीर के टुकड़े टुकड़े हो जाएँगे,
लेकिन जीवित रहते पुलिस बंदी नहीं बना सकती।
भले ही मेरा प्राम्भिक जीवन
आदिवासी इलाके में बीता है
लेकिन मेरे दिल में संपूर्ण मातृभूमि बस्ती है।
Chandrashekhar Azad Slogan In Hindi

जो दुश्मन हमारी धन संपदा और संस्कृति को लूट रहे हैं,
उन्हें लूटना और उनसे अपनी धन संपदा की रक्षा करना
कोई गुनाह नहीं है।
जब तक यह बमतुल बुखारा (आजाद की पिस्तौल का
नाम) मेरे पास है। किसने अपनी माँ का दूध पीया है,
जो मुझे जीवित पकड़ के ले जाए।
सच्चा धर्म वही है जो स्वतंत्रता को परम
मूल्य की तरह स्थापित करे।
Chandrashekhar Azad Slogan In Hindi

जीवित रहते मैं अपनी मातृभूमि की
रक्षा के लिए निरंतर संघर्ष करता रहूंगा।
किसी भी क्षण मैं मातृभूमि की खातिर अपने
प्राण न्योछावर करने से पीछे नहीं हटूंगा।
गिरफ्तार हो कर अदालत में हाथ बांध मुझे बंदरिया का
नाच नहीं नाचना है। आठ गोली पिस्तौल में हैं और आठ
का दूसरा मैगजीन है। पंद्रह दुश्मन पर चलाऊंगा और
सोलहवी यहां। (चन्द्रशेखर आजाद अपनी पिस्तौल को
अपनी कनपटी पर रखते हुए)
अभी भी जिसका खून ना खौला,
वो खून नहीं पानी है।
जो देश के काम ना आए,
वो बेकार जवानी है।।
Chandrashekhar Azad Slogan In Hindi
मां हम विदा हो जाते हैं,
हम विजय केतु फहराने आज,
तेरी बलिवेदी पर चढ़कर मां,
निज शीश कटाने आज।
मलिन वेष ये आंसू कैसे,
कंपित होता है क्यों गात?
वीर प्रसूति क्यों रोती है,
जब लग खंग हमारे हाथ।
धरा शीघ्र ही धसक जाएगी,
टूट जाएंगे न झुके तार,
विश्व कांपता रह जाएगा,
होगी मां जब रण हुंकार।
Chandrashekhar Azad Slogan In Hindi
नृत्य करेगी रण प्रांगण में,
फिर-फिर खंग हमारी आज,
अरि शिर गिराकर यही कहेंगे,
भारत भूमि तुम्हारी आज।
अभी शमशीर कातिल ने,
न ली थी अपने हाथों में।
हजारों सिर पुकार उठे,
कहो दरकार कितने हैं।।
दूसरे आपसे बेहतर कर रहे है ये नहीं देखना चाहिए
हर दिन अपने ही रिकॉर्ड को तोड़िये क्योंकि
सफलता की लड़ाई आपकी खुद से है.
Chandrashekhar Azad Ke Dialogue
अभी भी जिसका खून ना खौला,
वो खून नहीं पानी है
जो देश के काम ना आए,
वो बेकार जवानी है.
मै ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रा,
समानता और भाईचारा सिखाता है.
मैं जीवन की अंतिम सांस तक
देश के लिए शत्रु से लड़ता रहूंगा.
Chandrashekhar Azad Ke Dialogue
मातृभूमि की इस दुर्दशा को देखकर अभी
तक यदि आपका रक्त क्रोध नहीं करता है,
तो यह आपकी रगों में बहता खून नहीं है ये तो पानी है.
आज़ाद की कलाई में हथकड़ी लगाना बिलकुल
असंभव है. एक बार सरकार लगा चुकी,
अब तो शरीर के टुकड़े टुकड़े हो जाएँगे,
लेकिन जीवित रहते पुलिस बंदी नहीं बना सकती.
मै ऐसे धर्म को मानता हु जो स्वतंत्रा,
समानता और भाईचारा सिखाता है.
Chandrashekhar Azad Ke Dialogue
एक बार जब जब पुलिस ने आज़ाद को पकड़ लिया था.
तब उन्होंने एक प्रतिज्ञा ली थी. वे अब कभी पुलिस की
पकड़ में नहीं आये थे. काकोरी कांड के बाद भी सभी
आरोपियों को पकड़ लिया गया था. परन्तु चन्द्रशेखर
आजाद को वे लोग नहीं पकड़ पाए थे.पंडित चन्द्रशेखर
आजाद अक्सर यह शेर गुन-गुनाया करते थे.
दुश्मन की गोलियों का, हम सामना करेंगे
आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे
वे कभी- कभी इस शेर को कुछ इस तरह भी गाते थे.
दुश्मन की गोलियों का, हम सामना करेंगे
आजाद ही रहे हैं, आजाद ही मरेंगे
यदि अभी तक आपका खून खोलता नहीं है,
तो आपकी नसों में पानी बहता है?
चंद्र शेखर आज़ाद के नारे
इस जवानी का क्या फायदा अगर ये
मातृभूमि की सेवा में काम ना आ सके.
यदि कोई युवा मातृभूमि की सेवा
नहीं करता तो उसका जीवन व्यर्थ है.
भले ही मेरा प्राम्भिक जीवन
आदिवासी इलाके में बिता है
लेकिन मेरे दिल में मातृभूमि ही बस्ती है.
चंद्र शेखर आज़ाद के नारे
दुश्मन की गोलियों का सामना करेंगे,
आजाद रहे हैं, आजाद ही रहेंगे.
जब तक यह बमतुल बुखारा (आजाद की पिस्तौल का
नाम) मेरे पास है. किसने माँ का दूध पीया है,
जो मुझे जीवित पकड़ के ले जाए.
गिरफ्तार हो कर अदालत में हाथ बांध मुझे बंदरिया
का नाच नहीं नाचना है. आठ गोली पिस्तौल में है
और आठ का दूसरा मैगजीन है. पंद्रह दुश्मन पर
चलाऊंगा और सोलहवी यंहा और आजाद अपनी
पिस्तौल अपनी कनपटी पर छुआ देते.
चंद्र शेखर आज़ाद के नारे
‘मां हम विदा हो जाते हैं,
हम विजय केतु फहराने आज,
तेरी बलिवेदी पर चढ़कर मां,
निज शीश कटाने आज।
मलिन वेष ये आंसू कैसे,
कंपित होता है क्यों गात?
वीर प्रसूति क्यों रोती है,
जब लग खंग हमारे हाथ।
धरा शीघ्र ही धसक जाएगी,
टूट जाएंगे न झुके तार,
विश्व कांपता रह जाएगा,
होगी मां जब रण हुंकार।
नृत्य करेगी रण प्रांगण में,
फिर-फिर खंग हमारी आज,
अरि शिर गिराकर यही कहेंगे,
भारत भूमि तुम्हारी आज।
अभी शमशीर कातिल ने,
न ली थी अपने हाथों में।
हजारों सिर पुकार उठे,
कहो दरकार कितने हैं।।’