नमस्कार दोस्तों, आज के इस जबरदस्त आर्टिकल में आप जानने वाले हो Bhagat Singh Slogan In Hindi जो आपको बहुत पसंद आएंगे। और आप इन सभी स्लोगन को अपने स्टेटस, स्टोरी पे लगा सकते है। ताकि बाकि लोग भी इन स्लोगन को पढ़ कर प्रभावित हो।
तो चलिए शुरू करते है Bhagat Singh Slogan In Hindi.
Bhagat Singh Slogan In Hindi

इंकलाब जिंदाबाद
साम्राज्यवाद का नाश हो।
राख का हर एक कण मेरी
गर्मी से गतिमान है मैं एक
ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आज़ाद है।
Bhagat Singh Slogan In Hindi

ज़रूरी नहीं था की क्रांति में
अभिशप्त संघर्ष शामिल हो,
यह बम और पिस्तौल का पंथ नहीं था।
बम और पिस्तौल क्रांति नहीं लाते,
क्रान्ति की तलवार विचारों के धार
बढ़ाने वाले पत्थर पर रगड़ी जाती है।
क्रांति मानव जाति का एक अपरिहार्य अधिकार है।
स्वतंत्रता सभी का एक कभी न ख़त्म होने वाला जन्म-
सिद्ध अधिकार है। श्रम समाज का वास्तविक निर्वाहक है।
Bhagat Singh Slogan In Hindi

व्यक्तियो को कुचल कर,
वे विचारों को नहीं मार सकते।
निष्ठुर आलोचना और
स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी
सोच के दो अहम लक्षण हैं।
मैं एक मानव हूं और जो
कुछ भी मानवता को प्रभावित
करता है उससे मुझे मतलब है।
Bhagat Singh Slogan In Hindi

प्रेमी, पागल, और कवी
एक ही चीज से बने होते हैं।
क्रांति मानव जाति का एक
अविभाज्य अधिकार है।
स्वतंत्रता सभी का एक
अविनाशी जन्म अधिकार है
वे मुझे मार सकते हैं,
लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते।
वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं,
लेकिन वे मेरी आत्मा को कुचल नहीं पाएंगे
Bhagat Singh Slogan In Hindi

मेरा धर्म मेरे देश
की सेवा करना है।
जिंदा रहने की हसरत मेरी भी है
लेकिन मैं कैद रहकर अपना
जीवन नहीं बिताना चाहता।
मैं ऐसा पागल हूं कि
जेल में भी आजाद हूं।
Bhagat Singh Slogan In Hindi

मैं महत्वाकांक्षा और आशा और जीवन
के आकर्षण से भरा हूं। लेकिन जरूरत
के समय मैं सब कुछ त्याग सकता हूं
बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं होती।
क्रांति की तलवार विचारों के
पत्थर पर तेज होती है
लोग स्थापित चीजों के आदी हो जाते हैं
इसलिए परिवर्तन के विचार से कांपते हैं।
इस सुस्ती की भावना को क्रांतिकारी भावना
द्वारा प्रतिस्थापित करने की आवश्यकता है
Bhagat Singh Slogan In Hindi

मरकर भी मेरे दिल से वतन की
उल्फत नहीं निकलेगी,
मेरी मिट्टी से भी वतन की
ही खुशबू आएगी।
आज जो मै आगाज लिख रहा हूं,
उसका अंजाम कल आएगा।
मेरे खून का एक-एक कतरा
कभी तो इंकलाब लाएगा।
मेरा धर्म देश की सेवा करना है।
Bhagat Singh Slogan In Hindi

जन संघर्ष के लिए,
अहिंसा आवश्यक हैं।
देशभक्तों को अक्सर
लोग पागल कहते हैं।
महान आवश्यकता के समय,
हिंसा अनिवार्य हैं।
Bhagat Singh Slogan In Hindi

प्रेमी, पागल और कवि एक
ही चीज से बने होते हैं।
व्यक्तियों को कुचल कर,
वे विचारों को नहीं मार सकते।
क्रांति की तलवार तो सिर्फ
विचारों की शान से तेज होती है।
Bhagat Singh Slogan In Hindi
मैं उस सर्वशक्तिमान सर्वोच्च ईश्वर
के अस्तित्व से इनकार करता हूं।
इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज़्बातों से।
अगर मैं इश्क़ लिखना भी चाहूँ
तो इंक़लाब लिख जाता है।।
स्वतंत्रता हर इंसान का कभी
न ख़त्म होने वाला जन्म
सिद्ध अधिकार है।
Bhagat Singh Slogan In Hindi
अपने दुश्मन से बहस करने
के लिये उसका अभ्यास
करना बहुत जरुरी है।
निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार,
ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।
प्यार हमेशा आदमी के चरित्र को ऊपर उठाता है,
यह कभी उसे कम नहीं करता है।
भगत सिंह के नारे
मैं एक मानव हूँ और जो
कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है
उससे मुझे मतलब है।
ज़रूरी नहीं है कि क्रांति में
अभिशप्त संघर्ष शामिल हो।
यह बम और पिस्तौल का पंथ नहीं है।
राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है।
मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है।
भगत सिंह के नारे
क़ानून की पवित्रता तभी
तक बनी रह सकती है
जब तक की वो लोगों की
इच्छा की अभिव्यक्ति करे।
क्या तुम्हें पता है कि दुनिया
में सबसे बड़ा पाप गरीब होना है।
गरीबी एक अभिशाप है,
यह एक सजा है।
मुझे खुद को बचाने की
कभी कोई इच्छा नहीं रही
और मैंने कभी भी इसके बारे
में गंभीरता से नहीं सोचा।
भगत सिंह के नारे
सर्वगत भाईचारा तभी हासिल हो सकता है
जब समानताएं हों – सामाजिक,
राजनैतिक एवं व्यक्तिगत समानताएं।
वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन वे
मेरे विचारों को नहीं मार सकते।
वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं,
मेरी आत्मा को नहीं।
अगर धर्म को अलग कर दिया जाए तो
राजनीति पर हम सब इकट्ठे हो सकते हैं।
धर्मों में हम चाहे अलग अलग ही रहें।
भगत सिंह के नारे
मैं खुशी से फांसी पर चढ़ूंगा और
दुनिया को दिखाऊंगा कि कैसे
क्रांतिकारी देशभक्ति के लिए
खुद को बलिदान दे सकते हैं।
मेरा जीवन एक महान लक्ष्य के प्रति समर्पित है
देश की आज़ादी। दुनिया की अन्य कोई
आकर्षक वस्तु मुझे लुभा नहीं सकती।
बुराई इसलिए नहीं बढ़ रही है कि बुरे लोग बढ़ गए हैं।
बल्कि बुराई इसलिए बढ़ रही है क्योंकि बुराई
सहन करने वाले लोग बढ़ गये हैं।
भगत सिंह के नारे
लिख रह हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज़ आएगा।
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा।।
इंसान तभी कुछ करता है जब वो अपने
काम के औचित्य को लेकर सुनिश्चित होता है,
जैसाकि हम विधान सभा में बम फेंकने को लेकर थे।
यह शादी करने का समय नहीं है।
मेरा देश मुझे बुला रहा है।
मैंने अपने दिल और आत्मा के साथ
देश की सेवा करने के लिए एक प्रतिज्ञा ली है।
भगत सिंह के नारे
पिस्तौल और बम इंकलाब नहीं लाते,
बल्कि इंकलाब की तलवार विचारों की
सान पर तेज होती है और यही चीज थी,
जिसे हम प्रकट करना चाहते थे।
किसी भी इंसान को मारना आसान है,
परन्तु उसके विचारों को नहीं।
महान साम्राज्य टूट जाते हैं,
तबाह हो जाते हैं,
जबकि उनके विचार बच जाते हैं।
क्रांति मानव जाति का एक अपरिहार्य अधिकार है।
स्वतंत्रता सभी का एक कभी न ख़त्म होने वाला
जन्म-सिद्ध अधिकार है।
श्रम समाज का वास्तविक निर्वाहक है।
Bhagat Singh Slogan In Hindi
अगर हमें सरकार बनाने का मौका मिलेगा तो
किसी के पास प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं होगी,
सबको काम मिलेगा। और धर्म व्यक्तिगत
विश्वास की चीज होगी, सामूहिक नहीं।
मैं इस बात पर जोर देता हूँ कि मैं महत्त्वाकांक्षा,
आशा और जीवन के प्रति आकर्षण से भरा हुआ हूँ।
लेकिन मैं ज़रुरत पड़ने पर ये सब त्याग सकता हूँ,
और यही सच्चा बलिदान है।
मैं एक मानव हूँ और जो कुछ भी
मानवता को प्रभावित करता है
उससे मुझे मतलब है।
Bhagat Singh Slogan In Hindi
राख का हर एक कण मेरी
गर्मी से गतिमान है
मैं एक ऐसा पागल हूं जो
जेल में भी आज़ाद है।
निष्ठुर आलोचना और
स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी
सोच के दो अहम लक्षण हैं।
ज़रूरी नहीं था की क्रांति में
अभिशप्त संघर्ष शामिल हो,
यह बम और पिस्तौल का पंथ नहीं था।
Bhagat Singh Slogan In Hindi
व्यक्तियो को कुचल कर,
वे विचारों को नहीं मार सकते।
बम और पिस्तौल क्रांति नहीं लाते,
क्रान्ति की तलवार विचारों के धार
बढ़ाने वाले पत्थर पर रगड़ी जाती है।
क्रांति मानव जाति का एक अपरिहार्य अधिकार है।
स्वतंत्रता सभी का एक कभी न ख़त्म होने वाला
जन्म-सिद्ध अधिकार है।
श्रम समाज का वास्तविक निर्वाहक है।
Bhagat Singh Slogan In Hindi
जिंदगी तो सिर्फ अपने
कंधों पर जी जाती है,
दूसरों के कंधे पर तो
सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।
मेरा धर्म देश की सेवा करना है।
प्रेमी, पागल और कवि एक
ही चीज से बने होते हैं।
Bhagat Singh Slogan In Hindi
देशभक्तों को अक्सर लोग पागल कहते हैं।
सूर्य विश्व में हर किसी देश पर उज्ज्वल हो
कर गुजरता है परन्तु उस समय ऐसा कोई
देश नहीं होगा जो भारत देश के सामान
इतना स्वतंत्र, इतना खुशहाल, इतना प्यारा हो।
यह एक काल्पनिक आदर्श है कि आप किसी भी
कीमत पर अपने बल का प्रयोग नहीं करते,
नया आन्दोलन जो हमारे देश में आरम्भ हुआ है
और जिसकी शुरुवात की हम चेतावनी दे चुके हैं
वह गुरुगोविंद सिंह और शिवाजी महाराज,
कमल पाशा और राजा खान, वाशिंगटन और
गैरीबाल्डी, लाफयेत्टे और लेनिन के आदर्शों
से प्रेरित है।
मनुष्य/इन्सान तभी कुछ करता है जब
उसे अपने कार्य का उचित होना सुनिश्चित होता है,
जैसा की हम विधान सभा में बम गिराते समय थे।
जो मनुष्य इस शब्द का उपयोग या दुरुपयोग करते हैं
उनके लाभ के हिसाब के अनुसार इसे अलग-अलग
अर्थ और व्याख्या दिए जाते हैं।
Bhagat Singh Ke Nare in Hindi
राख का हर एक कण
मेरी गर्मी से गतिमान है।
मैं एक ऐसा पागल हूं जो
जेल में भी आजाद है।
यदि बहरों को सुनना है तो आवाज़ को बहुत
जोरदार होना होगा। जब हमने बम गिराया
तो हमारा धेय्य किसी को मारना नहीं थ।
हमने अंग्रेजी हुकूमत पर बम गिराया था।
अंग्रेजों को भारत छोड़ना चाहिए और उसे
आज़ाद करना चहिये।
किसी को ‘क्रांति’ शब्द की व्याख्या शाब्दिक
अर्थ में नहीं करनी चाहिए। जो लोग इस शब्द
का उपयोग या दुरूपयोग करते हैं उनके फायदे
के हिसाब से इसे अलग अलग अर्थ और
अभिप्राय दिए जाते हैं।
Bhagat Singh Ke Nare in Hindi
कोई भी व्यक्ति जो जीवन में आगे बढ़ने के लिए
तैयार खड़ा हो उसे हर एक रूढ़िवादी चीज की
आलोचना करनी होगी, उसमे अविश्वास करना
होगा और चुनौती भी देना होगा।
किसी भी इंसान को मारना आसान है,
परन्तु उसके विचारों को नहीं। महान
साम्राज्य टूट जाते हैं, तबाह हो जाते हैं,
जबकि उनके विचार बच जाते हैं।
जरूरी नहीं था कि क्रांति में
अभिशप्त संघर्ष शामिल हो।
यह बम और पिस्तौल का पंथ नहीं था।
Bhagat Singh Ke Nare in Hindi
आम तौर पर लोग जैसी चीजें हैं
उसके आदी हो जाते हैं और बदलाव
के विचार से ही कांपने लगते हैं।
हमें इसी निष्क्रियता की भावना को
क्रांतिकारी भावना से बदलने की जरूरत है।
जो व्यक्ति विकास के लिए खड़ा है
उसे हर एक रूढ़िवादी चीज की आलोचना
करनी होगी, उसमें अविश्वास करना होगा
तथा उसे चुनौती देनी होगी।
मैं इस बात पर जोर देता हूँ कि मैं महत्त्वाकांक्षा,
आशा और जीवन के प्रति आकर्षण से भरा हुआ हूँ।
पर मैं ज़रुरत पड़ने पर ये सब त्याग सकता हूँ,
और वही सच्चा बलिदान है।
Bhagat Singh Ke Nare in Hindi
अहिंसा को आत्म-बल के सिद्धांत का समर्थन प्राप्त है
जिसमे अंतत: प्रतिद्वंदी पर जीत की आशा में कष्ट सहा
जाता है । लेकिन तब क्या हो जब ये प्रयास अपना लक्ष्य
प्राप्त करने में असफल हो जाएं ? तभी हमें आत्म -बल
को शारीरिक बल से जोड़ने की ज़रुरत पड़ती है ताकि हम
अत्याचारी और क्रूर दुश्मन के रहमोकरम पर ना निर्भर करें ।
किसी भी कीमत पर बल का प्रयोग ना करना काल्पनिक
आदर्श है और नया आन्दोलन जो देश में शुरू हुआ है
और जिसके आरम्भ की हम चेतावनी दे चुके हैं वो गुरु
गोबिंद सिंह और शिवाजी, कमाल पाशा और राजा खान
वाशिंगटन और गैरीबाल्डी , लाफायेतटे और लेनिन के
आदर्शों से प्रेरित है।
दिल से निकलेगी न मरकर
भी वतन की उलफत,
मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए वतन आएगी ।
Bhagat Singh Ke Nare in Hindi
मजिस्ट्रेट साहब, आप भाग्यशाली हैं कि आज आप
अपनी आखों से यह देखने का अवसर पा रहे हैं कि भारत
के क्रांतिकारी किस प्रकार प्रसन्नतापूर्वक अपने सर्वोच्च
आदर्श के लिए मृत्यु का आलिंगन कर सकते हैं ।
अपने दुश्मन से बहस करने के लिये
उसका अभ्यास करना बहोत जरुरी है।
क्रांति लाना किसी भी इंसान की ताकत के बाहर
की बात है। क्रांति कभी भी अपनेआप नही आती।
बल्कि किसी विशिष्ट वातावरण, सामाजिक और
आर्थिक परिस्थितियों में ही क्रांति लाई जा सकती है।
Bhagat Singh Slogan In Hindi
इंसानों को कुचलकर आप उनके
विचारो को नही मार सकते।
भगत सिंह भारत के एक प्रमुख
स्वतंत्रता सेनानी थे।
वह अपने देशप्रेम के लिए
आज के युवकों के लिए
एक बहुत बड़ा आदर्श हैं।
मेरा धर्म सिर्फ देश
की सेवा करना है।
Bhagat Singh Slogan In Hindi
मेरा जीवन एक महान लक्ष्य के
प्रति समर्पित है – देश की आज़ादी।
दुनिया की अन्य कोई आकषिर्त
वस्तु मुझे लुभा नहीं सकती।
सर्वगत भाईचारा तभी हासिल हो सकता है
जब समानताएं हों – सामाजिक,
राजनैतिक एवं व्यक्तिगत समानताएं।
दिल से निकलेगी न
मरकर भी वतन की उल्फत,
मेरी मिट्ठी से भी खूशबू-ए-वतन आएगी।
Bhagat Singh Slogan In Hindi
इंसान तभी कुछ करता है जब वो
अपने काम के औचित्य को
लेकर सुनिश्चित होता है।
क्रांतिकारी सोच के दो आवश्यक लक्षण है
बेरहम निंदा तथा स्वतंत्र सोच।
मैं इस बात पर जोर देता हूँ कि मैं महत्वकांक्षा,
आशा और जीवन के प्रति आकर्षण से भरा हुआ हूँ
पर ज़रूरत पड़ने पर मैं ये सब त्याग सकता हूँ
और वही सच्चा बलिदान है।
Bhagat Singh Slogan In Hindi
व्यक्ति की हत्या करना सरल है
परन्तु विचारों की हत्या
आप नहीं कर सकते।
महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं
पर विचार जिंदा रहते हैं।
बम और पिस्तौल क्रांति नहीं लाते हैं।
क्रान्ति की तलवार विचारों के धार
बढ़ाने वाले पत्थर पर रगड़ी जाती है।
भगत सिंह के बोल
लिख रह हूँ मैं अंजाम जिसका
कल आगाज़ आएगा…
मेरे लहू का हर एक कतरा
इंकलाब लाएगा।
यदि बहरों को सुनाना है तो
आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा।
सिने पर जो ज़ख्म है,
सब फूलों के गुच्छे हैं,
हमें पागल ही रहने दो,
हम पागल ही अच्छे हैं।
भगत सिंह के बोल
मैं एक मानव हूँ और जो कुछ भी
मानवता को प्रभावित करता है
उससे मुझे मतलब है।।
निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र
विचार ये क्रांतिकारी सोच
के दो अहम् लक्षण हैं।।
व्यक्तियो को कुचल कर,
वे विचारों को नहीं मार सकते।।
भगत सिंह के बोल
आम तौर पर लोग चीजें जैसी हैं
उसके आदि हो जाते हैं और बदलाव के
विचार से ही कांपने लगते हैं। हमें इसी
निष्क्रियता की भावना को क्रांतिकारी
भावना से बदलने की ज़रुरत है।।
इंसान तभी कुछ करता है जब वो अपने
काम के औचित्य को लेकर सुनिश्चित होता है,
जैसाकि हम विधान सभा में बम फेंकने को लेकर थे।।
ज़िन्दगी तो अपने दम पर ही जी जाती हैं,
दूसरो के कन्धों पर तो
सिर्फ जनाजे उठाये जाते हैं।।
भगत सिंह के बोल
क्रांति मानव जाती का एक अपरिहार्य अधिकार है.
स्वतंत्रता सभी का एक कभी न ख़त्म होने वाला जन्म-
सिद्ध अधिकार है. श्रम समाज का वास्तविक निर्वाहक है।।
राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है,
मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आज़ाद है।।
यदि बहरों को सुनना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार
होना होगा. जब हमने बम गिराया तो हमारा धेय्य किसी
को मारना नहीं थ. हमने अंग्रेजी हुकूमत पर बम गिराया
था . अंग्रेजों को भारत छोड़ना चाहिए और उसे आज़ाद करना चहिये।।
भगत सिंह के बोल
ज़रूरी नहीं था की क्रांति में
अभिशप्त संघर्ष शामिल हो।
यह बम और पिस्तौल का पंथ नहीं था।।
प्रेमी, पागल, और कवि एक
ही चीज से बने होते हैं।।
किसी ने सच ही कहा है, सुधार बूढ़े आदमी नहीं कर सकते।
वे तो बहुत ही बुद्धिमान और समझदार होते हैं ।
सुधार तो होते हैं युवकों के परिश्रम, साहस, बलिदान
और निष्ठा से, जिनको भयभीत होना आता ही नहीं
और जो विचार कम और अनुभव अधिक करते हैं।।
Bhagat Singh Slogan In Hindi
किसी को “क्रांति ” शब्द की व्याख्या शाब्दिक अर्थ में
नहीं करनी चाहिए। जो लोग इस शब्द का उपयोग या
दुरूपयोग करते हैं उनके फायदे के हिसाब से इसे अलग
अलग अर्थ और अभिप्राय दिए जाते है।।
जो व्यक्ति भी विकास के लिए खड़ा है उसे हर एक
रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी , उसमे
अविश्वास करना होगा तथा उसे चुनौती देनी होगी।।
जिंदा रहने की ख्वाहिश कुदरती तौर पर मुझमें भी
होनी चाहिए । मैं इसे छिपाना नहीं चाहता, लेकिन
मेरा जिंदा रहना एक शर्त पर है । मैं कैद होकर
या पाबंद होकर जिंदा रहना नहीं चाहता।।
Bhagat Singh Slogan In Hindi
देशभक्तों को अक्सर लोग पागल कहते हैं।।
किसी भी इंसान को मारना आसान है,
परन्तु उसके विचारों को नहीं। महान
साम्राज्य टूट जाते हैं, तबाह हो जाते हैं,
जबकि उनके विचार बच जाते हैं।।
मैं एक इंसान हूं और जो भी चीजें
इंसानियत पर प्रभाव डालती हैं,
मुझे उनसे फर्क पड़ता है।।
Bhagat Singh Slogan In Hindi
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है ज़ोर कितना बाजु-ए-कातिल में है।।
वे मुझे मार सकते हैं,
लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते।।
वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं,
मेरी आत्मा को नहीं।।
व्यक्ति की हत्या करना सरल है
परन्तु विचारों की हत्या आप नहीं कर सकते।।
Bhagat Singh Slogan In Hindi
सिने पर जो ज़ख्म है, सब फूलों के गुच्छे हैं,
हमें पागल ही रहने दो, हम पागल ही अच्छे हैं।।
मेरा जीवन एक महान लक्ष्य के प्रति समर्पित है
देश की आज़ादी। दुनिया की अन्य कोई
आकषिर्त वस्तु मुझे लुभा नहीं सकती।।
बम और पिस्तौल क्रांति नहीं लाते हैं।
क्रान्ति की तलवार विचारों के धार
बढ़ाने वाले पत्थर पर रगड़ी जाती है।।
Bhagat Singh Slogan In Hindi
लिख रह हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज़ आएगा…
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा।।
क्रांतिकारी सोच के दो आवश्यक लक्षण है
बेरहम निंदा तथा स्वतंत्र सोच।।
जरूरी नहीं था कि क्रांति में
अभिशप्त संघर्ष शामिल हो।
यह बम और पिस्तौल का पंथ नहीं था।।
इंसान तभी कुछ करता है जब वो
अपने काम के औचित्य को
लेकर सुनिश्चित होता है।।
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